निजी स्वार्थ के लिये हाईकोर्ट जाना अनुचित – शर्मा

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निजी स्वार्थ के लिये हाईकोर्ट जाना अनुचित – शर्मा

देहरादून। महिला दिवस के अवसर पर महिला हितों से जुड़े अहम मुद्दे को लेकर सहकारिता भारती उत्तराखंड द्वारा पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया।
प्रेस वार्ता के दौरान सहकार भारती के प्रांतीय महामंत्री अमित शर्मा
जानकारी देते हुए बताया गया कि उत्तराखंड में सहकारी समितियों में महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की गई थी। लेकिन राज्य सरकार द्वारा उठाए गए इस ऐतिहासिक कदम से उत्तराखंड प्रदेश सहकारी समितियों में महिलाओं को आरक्षण देने वाला देश का पहला प्रदेश बन गया था, इसमें सहकारी समितियों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए 30% आरक्षण का प्रावधान किया गया। यह आरक्षण सहकारी समितियों के चुनाव में महिलाओं को पदों पर आरक्षण देता है, जिससे उनकी सक्रिय भागीदारी सहकारिता में सुनिश्चित हो सके, यह कदम महिलाओं को सशक्त बनाने और सहकारिता के क्षेत्र में उनकी भूमिका को मजबूत करने के लिए उठाया गया है। उन्होंने कहा कि दान सिंह रावत द्वारा न्यायलय में याचिका दायर कि जिसमे महिलाओं को सहकारिता में दिए आरक्षण को हटाने को लेकर याचिका दायर की। अमित शर्मा ने कहा की दान सिंह रावत ने अपने निजी स्वार्थ के कारण ऐसा किया जो की उचित नही है। कहा कि इसे प्रदेश का दुर्भाग्य कहें या फिर राजनीति? वहीं अगर इसे व्यक्तिगत हित से भी जोड़ा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी, सहकार भारती के प्रांतीय महामंत्री अमित शर्मा ने राज्य सहकारी बैंक के निवर्तमान चेयरमैन दान सिंह रावत रावत द्वारा उत्तराखंड सरकार के इस निर्णय के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका डाले जाने पर अपनी आपत्ति दर्ज़ है। वहीं सहकारी भारती की प्रदेश महामंत्री अवंतिका भंडारी ने कहा की एक ओर देश के प्रधानमंत्री द्वारा महिलाओ को हर क्षेत्र में कार्य करने के लिये प्रोत्साहित करते है वहीं सहकारिता में महिलाओं को आरक्षण का लाभ नहीं मिलना बड़ा ही दुर्भाग्य है।

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