शंकराचार्य की पवित्र गद्दी व तेलकलश गाडू घड़ा ज्योतिर्मठ से पाण्डुकेश्वर रवाना
पहले पड़ाव योगबदरी पांडुकेश्वर पहुंचेगी देव डोलियां
3 मई शायंकाल देव डोलियां बदरीनाथ धाम पहुंचेगी।
ज्योर्तिमठ: बदरीनाथ धाम के कपाट 4 मई को प्रात: 6 बजे श्रद्धालुओं के लिए दर्शनार्थ खोल दिए जायेंगे। शुक्रवार को पूर्वाह्न साढ़े दस बजे गाडू घड़ा, रावल अमरनाथ नंबूदरी सहित, आदि गुरु शंकराचार्य गद्दी एवं गरूड़ जी नृसिंह मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना पश्चात नृसिंह मंदिर जोशीमठ से सेना के बैंड की भक्तिमय उदघोष के साथ प्रथम पड़ाव पांडुकेश्वर प्रवास हेतु प्रस्थान किया है।
भगवान बदरीविशाल के वाहन गरूड़ जी महाराज को इस बार मंदिर समिति ने हक हकूकधारियों के सहयोग से पूजा-अर्चना पश्चात भब्य समारोह पूर्वक बदरीनाथ धाम हेतु प्रस्थान कराया ।
इस बार ऐतिहासिक रूप से पहली बार भगवान नारायण हरि के वाहन गरूड़ जी समारोह पूर्वक धाम को रवाना हुए जिस कारण श्रद्धालुओं में अधिक उत्साह देखा गया।
इस अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने गरूड़ जी की डोली सहित आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी एवं रावल जी को बदरीनाथ धाम के लिए विदा किया। अपने संदेश में मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी है।
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने नृसिंह मंदिर ज्योर्तिमठ से बताया कि 3 मई शाम को सभी देव डोलियां गरूड़ जी, आदिगुरु शंकराचार्य गद्दी एवं रावल जी सहित पांडुकेश्वर से उद्धव जी कुबेर जी, गाडू घड़ा, आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी एवं रावल जी बदरीनाथ धाम को पहुंचेगे। 4 मई प्रात: 6 बजे बदरीनाथ धाम के कपाट दर्शनार्थ खुलेंगे।