वीआईपी दर्शन पर लगे रोक: चार धाम महा पंचायत
केदारनाथ प्रकरण की हो निष्पक्ष जांच
देहरादून। पिछले यात्रा काल में बदरीनाथ धाम में वीआईपी दर्शन को लेकर विरोध से सरकार और शासन ने सबक नहीं लिया। इसका नतीजा बुधवार को केदारनाथ धाम में स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच में हुई झड़क के रूप में सामने आया है। महा पंचायत ने केदारनाथ प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि विगत वर्ष बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलने के दूसरे दिन 13 मई को तीर्थ पुरोहितों , पंडा समाज और व्यापारियों ने बदरीनाथ मंदिर में शुल्क लेकर वीआईपी दर्शन का विरोध किया था । बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ने घटना का संज्ञान लेते हुए वीआईपी दर्शन पर पर रोक लगी। बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति चार्टर एवं हेली सेवाओं से यात्रा करने वालों से अलग-अलग शुल्क वसूल रही है।
उत्तराखंड चार धाम तीर्थ महापंचायत ने बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति की व्यवस्था पर ऐतराज जताते हुए कहा कि श्रद्धालुओं में मतभेद नहीं किया जाना चाहिए । भगवान के द्वारा में आम और खास नहीं, बल्कि केवल आस्था महत्वपूर्ण है ।
उत्तराखंड चार धाम तीर्थ पुरोहित पंचायत के महासचिव डॉक्टर बृजेश सती ने कहा कि वीआईपी दर्शन को लेकर महापंचायत लगातार शासन और सरकार से यह मांग करती रही है कि दर्शन की यह व्यवस्था बंद होनी चाहिए ।
डॉक्टर सती ने कहा कि धामों में भविष्य में इस तरह की पुनरावृति ना हो इसके लिए सरकार और मंदिर समिति को सभी पहलुओं का अध्ययन कर ठोस निष्कर्ष पर पहुंचना जरूरी है।
महा सचिव ने कहा की दर्शनों में भेदभाव नहीं होना चाहिए। शुल्क देकर तत्काल दर्शन करवाना, उन तीर्थ यात्रियों के साथ नाइंसाफी है, जो कई घंटे लाइन में खड़े होकर भी दर्शन नहीं कर पाते हैं।
महा पंचायत के उपाध्यक्ष और केदार सभा के कार्यकारिणी सदस्य आचार्य संतोष त्रिवेदी ने बुधवार को केदारनाथ में स्थानीय युवक के साथ हुई मारपीट की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।