देश को संस्कारित एवं सुयोग्य चिकित्सक देने में सुभारती विश्वविद्यालय का महत्वपूर्ण योगदान है – डॉक्टर घिल्डियाल

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देश को संस्कारित एवं सुयोग्य चिकित्सक देने में सुभारती विश्वविद्यालय का महत्वपूर्ण योगदान है – डॉक्टर घिल्डियाल

देहरादून।यद्यपि पूरे भारतवर्ष में बहुत सारे विश्वविद्यालय देश को आधुनिक चिकित्सा में उच्च शिक्षित चिकित्सक तैयार करके दे रहे हैं, परंतु लीक से हटकर संस्कारित एवं सुयोग्य चिकित्सक देने में सुभारती विश्वविद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

उपरोक्त विचार शिक्षा संस्कृत शिक्षा के सहायक निदेशक डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल “दैवज्ञ “ने व्यक्त किए हैं, वह आज चकराता रोड नंदा की चौकी प्रेम नगर स्थित सुभारती विश्वविद्यालय के सभागार में देव सुमन एवं रासबिहारी बोस जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह को “मुख्य अतिथि” के रूप में संबोधित कर रहे थे, मेडिकल सहित सभी फैकेल्टी के छात्र-छात्राओं एवं प्रोफेसरों सहित बड़ी संख्या में उपस्थित बुद्धिजीवियों का आवाहन करते हुए उन्होंने कहा कि आज देश में आधुनिक चिकित्सा के साथ संस्कार युक्त चिकित्सकों को तैयार करने के लिए एक क्रांति की आवश्यकता है, जिसमें सुभारती विश्वविद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

सहायक निदेशक ने कहा कि बाल्य काल से ही संस्कार युक्त शिक्षा को प्राप्त किया हुआ चिकित्सक कभी मानव अंगों की तस्करी करके बड़ा आदमी बनने के सपने नहीं देख सकता है, यह वही चिकित्सक कर सकता है, जिसको शिक्षा तो प्राप्त हुई परंतु उसमें संस्कार नहीं दिए गए, और इसकी जिम्मेदारी विशेष रूप से मेडिकल विश्वविद्यालयों की है ,कि वह मेडिकल की पढ़ाई के दौरान संस्कार युक्त शिक्षा से जुड़े हुए महानुभावों को बुलाकर भावी चिकित्सकों को भारतीय सभ्यता,संस्कृति एवं संस्कारों से युक्त शिक्षा प्रदान करें।

मुख्य अतिथि का पुष्प गुच्छ एवं सम्मान पत्र, अंग वस्त्र देकर स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉक्टर अतुल कृष्ण, कुलाधिपति डॉक्टर यशवर्धन एवं कुलपति डॉ हिमांशु ऐरन ने कहा कि विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को एक नई दिशा मिले इसीलिए विज्ञान एवं वेदांत के विद्वान शिक्षा अधिकारी को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया है, संस्कृति विभाग के विभागाध्यक्ष एवं मशहूर नेत्र चिकित्सक प्रोफेसर डॉ राजेश तिवारी ने कहा कि डॉ चंडी प्रसाद घिल्डियाल जैसे अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शिक्षा अधिकारी के आने से विश्वविद्यालय को भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति को समझने का अवसर मिला है।

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